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Last Modified: बुधवार, 18 अक्टूबर 2023 (16:01 IST)

आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को 7 साल की सजा, क्या होगा उनका राजनीतिक भविष्य

आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को 7 साल की सजा, क्या होगा उनका राजनीतिक भविष्य - Azam Khan, Wife, Son Get 7-Year jail term in fake birth certificate case
Azam Khan news in hindi : रामपुर की एक अदालत ने सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के 5 साल पुराने मामले में बुधवार को दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई।
 
एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई। तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया जाएगा।
 
क्या है मामला : 3 जनवरी, 2019 को रामपुर के गंज पुलिस थाने में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराई गई एक प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाणपत्र प्राप्त किए।
 
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने इसमें से एक जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ से और दूसरा रामपुर से प्राप्त किया गया था।
 
आरोप पत्र के अनुसार, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी। इसके अनुसार दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था।
 
विधानसभा से अयोग्य घोषित हुए थे अब्दुल्ला : वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले अब्दुल्ला आजम को 2008 के एक मामले में दोषी ठहराते हुए गत फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी।
 
दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद, अब्दुल्ला आजम को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आज़म ने सजा पर रोक के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया जहां उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई।
 
क्या होगा आजम खान और अब्दुल्ला का राजनीतिक भविष्‍य : इस सजा से आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला का राजनीतिक भविष्य संकट में पड़ गया है। दोनों ही अब चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
 
मौजूदा प्रावधान के मुताबिक जिस व्यक्ति को दो साल से कम की सजा होती है, वह चुनाव लड़ सकता है, जबकि दो साल से ज्यादा सजा होने पर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता।
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