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Last Updated : मंगलवार, 26 मार्च 2024 (23:20 IST)

सोनम वांगचुक ने खत्म की भूख हड़ताल, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए 21 दिनों से बैठे थे

वांगचुक बोले जारी रहेगी लड़ाई

सोनम वांगचुक ने खत्म की भूख हड़ताल, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए 21 दिनों से बैठे थे - Sonam Wangchuk calls off 21-day hunger strike in Ladakh
सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने 21 दिनों तक चल रही भूख हड़ताल खत्म कर दी है। हड़ताल खत्म करते हुए उन्होंने कहा है कि लड़ाई आगे भी जारी रहने वाली है। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए सोनम वांगचुक द्वारा भूख हड़ताल की जा रही थी।
वे बिना पानी, खाने के माइनस तापमान में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी शामिल हुए थे। वे चाहते थे कि मोदी सरकार अपने वादे को पूरा करे और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। 
 
सरकार से हुए नाराज : सोनम वांगचुक ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि सरकार ने अभी तक एक शब्द तक नहीं बोला है, उनकी तरफ से इस मांग को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा रहा है।
 
वांगचुकी को पूरी उम्मीद पीएम मोदी से ही है। वांगचुक मानकर चल रहे हैं कि पीएम कुछ न कुछ फैसला जरूर लेंगे। एक जारी बयान में वांगचुक ने कहा है कि हमें ऐसे नेता चाहिए जो ईमानदार हों, दूरदर्शी हों, जिनके पास विजन हो।

वांगचुक 6 मार्च से शून्य से भी नीचे तापमान में ‘जलवायु उपवास’ पर बैठे थे। उससे एक दिन पहले लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस’ (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों की केंद्र सरकार के साथ वार्ता में गतिरोध उत्पन्न हो गया था। ये दोनों ही संगठन साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में उसे शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
 
कारगिल में केडीए की तीन दिवसीय भूख हड़ताल भी आज शाम समाप्त हो गयी। लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और केडीए बुधवार को भावी कदम की घोषणा करेंगे।
 
इस बीच अभिनेता प्रकाश राज ने वांगचुक से भेंट की और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि जब सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है, तो लोगों के पास संवैधानिक अधिकारों के अनुसार एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता है।
 
‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश डालकर वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे की याद दिलायी और कहा कि मोदी तो रामभक्त हैं, इसलिए उन्हें उनकी (राम की) शिक्षा ‘प्राण जाए पर वचन न जाय’ का पालन करना चाहिए।