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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 13 अप्रैल 2024 (13:36 IST)

45 फीसदी डॉक्टर लिख रहे अधूरा पर्चा, 10% तो पूरी तरह गलत

ICMR की रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले तथ्य, 13 अस्‍पतालों का हुआ सर्वे

ICMR Report
Doctor Prescription
  • 45 फीसदी डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन में अधूरी जानकारी।
  • 9.8 प्रतिशत डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन पूरी तरह से गलत।
  • करीब 13 सरकारी अस्पतालों का सर्वे किया गया।
ICMR Report : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की रिपोर्ट में सामने आया है कि तकरीबन 45 फीसदी डॉक्टर ऐसा परचा लिख रहे हैं जो समझ में नहीं आ रहा है यानी डॉक्‍टर आधा-अधूरा परचा लिख रहे हैं। साथ ही 9.8 प्रतिशत डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन ही गलत हैं। जानते हैं आखिर क्‍या है मामला। ALSO READ: भारत बना दुनिया का Cancer Capital, रिपोर्ट में सामने आए डराने वाले तथ्य
 
13 अस्‍पतालों का हुआ सर्वे:   
आईसीएमआर ने करीब 13 सरकारी अस्पतालों का सर्वे किया है। इनमें दिल्ली एम्स, ग्रेटर नोएडा का सरकारी मेडिकल कॉलेज, भोपाल एम्स, बड़ौदा मेडिकल कॉलेज, मुंबई जीएसएमसी, सफदरजंग अस्पताल, सीएमसी वेल्लोर, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज पटना और पीजीआई चंडीगढ़ शामिल हैं। 
 
9.8 प्रतिशत डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन गलत:
इन अस्पतालों में से करीब 7800 मरीजों के पर्चे लिए गए और 4,838 की जांच की गई। इनमें से 2,171 पर्चों में कमियां मिलीं। हैरानी की बात यह है कि 475 यानी 9.8 प्रतिशत डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन पूरी तरह से गलत पाए गए। यह पर्चे उन डॉक्टर्स के हैं जिन्हें बतौर डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करते हुए 4 से 18 साल का अनुभव हो गया है। 
ICMR Report
2019 से शुरू हुई पड़ताल: 
आईसीएमआर की यह पड़ताल साल 2019 से ही शुरू हो गई थी। इसके लिए आईसीएमआर ने  दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को लेकर एक टास्क फोर्स बनाई। इस टास्क फोर्स ने अगस्त 2019 से अगस्त 2020 के बीच 13 अस्पतालों की ओपीडी में सर्वे किया। इन अस्पतालों में 7800 मरीजों के पर्चे में से 55.1 फीसदी नियमों के अनुसार पाए गए। लेकिन 9.8 प्रतिशत पर्चे पूरी तरह से गलत मिले। 
 
इन रोगियों के प्रिस्क्रिप्शन सबसे ज्यादा गलत:
इस सर्वे में यह भी सामने आया कि पैंटोप्राजोल, रेबेप्राजोल-डोमपेरिडोन और एंजाइम दवाएं सबसे ज्यादा मरीजों को लेने की सुझाव दिया गया। इसके साथ ही ऊपरी श्वास नली संक्रमण (यूआरटीआई) और उच्च रक्तचाप के रोगियों के प्रिस्क्रिप्शन सबसे ज्यादा गलत पाए गए। 
 
दुनिया में 50% दवाएं गलत तरीके से लिखीं: 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनियाभर में 50 फीसदी दवाएं गलत तरीके से मरीजों को दिए जाने का अनुमान है। WHO ने 1985 में परचों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की गाइडलाइन्स जारी की हैं। अधिकतर मरीजों को दवाओं के बारे में जानकारी नहीं होती है। 
 
इन ओपीडी में हुआ सर्वे: 
आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार अस्पतालों के सामुदायिक चिकित्सा, प्रसूति रोग, सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, बाल रोग, त्वचा रोग, नेत्र रोग, ईएनटी और मनोचिकित्सा विभाग की ओपीडी में आने वाले रोगियों के पर्चों की जांच की गई। 
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