• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मोटिवेशनल
  4. sustainable lifestyle
Written By

कंप्यूटर साइंस के छात्रों ने जनक पलटा मगिलिग़न से सस्टेनेबल लिविंग सीखी

sustainable lifestyle
sustainable lifestyle
इंदौर के सॉफ्टविजन कॉलेज के छात्रों ने जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर शैक्षणिक अध्ययन के लिए विजिट किया। छात्रों को पद्मश्री सम्मानित डॉ. जनक पलटा मगिलिगन से मिलने और विभिन्न प्रकार के सोलर कुकिंग व सौर ऊर्जा के उल्लेखनीय नवाचार को देखने का सौभाग्य मिला। 
 
इस विजिट के दौरान छात्रों ने सौर ऊर्जा का उपयोग करना सिखा। छात्रों ने सोलर एनर्जी की मदद से सोलर कुकर में खाना पकाना सिखा। यह पर्यावरण-अनुकूल विकल्प कार्बन उत्सर्जन को कम करता है और पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करता है। सौर-संचालित खाना पकाने और बिजली का उपयोग पर्यावरण-मित्रता को बढ़ावा देता है।
 
इसके साथ ही छात्रों को विभिन्न प्रकार के औषधीय और दुर्लभ पौधे जैसे असली सिंदूर, गिलोय, इंसुलिन, हड्डीजोड़, रीठा जैसे रतनजोत जैव ईंधन क्षमता वाले पौधों को देखने और उनके लाभ व महत्व जानने का अवसर मिला। डॉ जनक पलटा स्वंय शुद्ध और स्वस्थ जीवन के लिए सुबह अपने दांतों के लिए बांस से बने ब्रश से अपने ही आंगन में लगे वज्रदंती-नीम आदि से घर पर बनाए पेस्ट  का उपयोग करती हैं। डॉ जनक के पूर्णतय अपशिष्ट-मुक्त घर में जैविक अनाज, फल, मसालों और घर में उगाई गई सब्जियों पर पूर्णतय आत्मनिर्भर जीवन छात्रों के लिए अद्भुत अनुभव था।  
sustainable lifestyle
कमाल की बात ये है कि वह बाज़ार से केवल नमक और चाय खरीदती हैं। शुद्ध जैविक गुड़ भी सीधा जैविक किसानों से खरीदती हैं, वो भी बिना प्लास्टिक पैक्ड। उन्होंने सहज और सरल लेकिन सस्टेनेबल जीवन का प्रेरणादायक उदाहरण स्थापित किया है। साथ ही उनके यहां हाथ से चलाने वाली ब्रिकेट मशीन से पुराने कागज या रद्द्दी में फसल के अवशेष मिलाकर लुगदी से ब्रिकेट (कंडे) से बरसात के मौसम में खाना पकाने के लिए देखा गया, जो एक टिकाऊ दृष्टिकोण है।
 
तीन दशक पहले झाबुआ जिले में अकेली घूम-घूम कर 302 गांवों में नारू उन्मूलन में डॉ जनक पलटा के उल्लेखनीय कार्य ने समुदायों के भीतर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए चण्डीगढ़ छोड़ बहाई पायनीयर के नाते सेवा के उदेश्य से  इंदौर में सन 1985 बरली संस्थान की स्थापना और आदिवासी लडकियों को प्रशिक्षित कर 500 समुदायों की क्षमता निर्माण कर चुकी है किया। प्राकृतिक केसर रंग के उत्पादन के लिए पारिजात के फूलों के उपयोग की खोज की।
 
जन्मदिन और शादी की सालगिरह को पेड़ लगाकर मनाना, प्रकृति के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देना। इस शैक्षिक अभियान ने हमारे छात्रों को टिकाऊ जीवन और नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों की गहरी समझ से प्रेरित और सुसज्जित किया है। हमारे छात्रों को उदारतापूर्वक अपना समय और ज्ञान समर्पित करने के लिए हम आपका हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। आपकी उपस्थिति ने हमारे छात्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला और हम आपके अमूल्य योगदान के लिए वास्तव में आभारी हैं। 
ये भी पढ़ें
जातीय जनगणना की राजनीति