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कुएं में कूदकर मनाया जाता है गोवा का यह त्योहार

sao joao 2023
Sao Joao Goa 2023
भारत अपनी विभिन्न संस्कृति के लिए जाना जाता है। इस देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। साथ ही हर राज्य राज्य का अपना एक खास त्योहार होता है। इन त्योहार को मनाने का सबका तरीका अलग होता है। ऐसा ही एक त्योहार गोवा में मनाया जाता है जिसे दूर-दूर से लोग देखने के लिए आते हैं। यह गोवा का प्रमुख कैथोलिक पर्व है जिसमें कई अजीब एक्टिविटी की जाती हैं। इस त्योहार को साओ जोआओ नाम से जाना है। चलिए जानते हैं कि क्या है साओ जोआओ फेस्टिवल.......

क्या है साओ जोआओ त्योहार?
यह त्योहार हर साल 24 जून को गोवा में मनाया जाता है। साओ जोआओ को सैन जानव भी कहा जाता है जो एक एनुअल कैथोलिक पर्व है। इस दिवस पर लोग फूल, पत्ती और फल से बना ताज पहनते हैं। यह त्योहार सेंट जॉन द बैपटिस्ट को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि यह त्योहार कुएं, तालाब और नदियों में छलांग लगाकर मनाया जाता है। यह त्योहार इतना प्रचलित है कि गोवा पर्यटन विकास निगम द्वारा टूरिस्ट के लिए पूल पार्टी और प्राइवेट साओ जोआओ आयोजित करवाई जाती है।
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कैसे मनाया जाता है साओ जोआओ त्योहार?
यह त्योहार  कुएं , तालाब और नदियों में छलांग लगाकर मनाया जाता है। इंग्लिश में इसे 'लीप ऑफ जॉय' कहा जाता है। यह त्योहार हर साल मानसून शुरू होने से पहले मनाया जाता है।  कुएं  में छलांग लगाने का कारण ईसाई इतिहास से जुड़ा हुआ है। यह सेंट जॉन द बैपटिस्ट को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। जॉन द बैपटिस्ट यीशु के जन्म की खभर सुनकर बहुत खुश हो गए और उन्होंने खुशी में अपनी मां की कोख से छलांग लगा दी। उस समय वह अपनी मां के खोख में थे। इस दिन को याद करते हुए हर साल पुरुष  कुएं  या तालाब को मां की खोख समझकर झालंग लगाते हैं। इसके साथ ही इस त्योहार पर और भी कई तरह की मज़ेदार एक्टिविटी होती हैं।
  • ये त्योहार नए दुल्हों के लिए बेहद खास होता है। ये मान्यता है कि इस त्योहार के दौरान नव विवाहित या शादी होने वाले पुरुषों द्वारा कुएं में डुबकी लगाने से उनका पारिवारिक जीवन अच्छा रहता है।
  • इस त्योहार का आनंद लेने के लिए लोग लोक नृत्य और स्वादिष्ट व्यंजनों का मज़ा लेते हैं। साथ ही यहां बोट रचे भी करवाई जाती है।
  • इस पर्व में लोग तालाबों और कुएं  में कूदकर तोहफों को ढूंढते हैं। यह एक-दूसरे को जानने-समझने का पर्व होता है।

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