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इतने लोकप्र‍िय की आज भी मिर्जा गालिब के शेर ने सोशल मीडि‍या में जाम लगा रखा है, आइए पढ़ते हैं गालिब के 8 बेहतरीन शेर

mirza galib
फेसबुक हो या ट्व‍िटर या इंस्‍टाग्राम। किसी को खत लिखना हो या अपना फोटो सोशल मीडि‍या पर पोस्‍ट करना हो। कोई बात अपनी बेहद कम शब्‍दों में कहनी हो। इन सब के लिए मिर्जा गालिब के शेर सबसे ज्‍यादा मुफीद हैं।

हर दूसरी और तीसरी पोस्‍ट में आपको मिर्जा गालिब के शेर नजर आ जाएंगे। आज 27 दिसंबर को मिर्जा गालिब का जन्‍मदिवस है, ऐसे में आज तो चचा ने सोशल मीडि‍या का ट्रैफिक ही जाम कर रखा है। 

आइए पढ़ते हैं उनके कुछ बेहद बेहतरीन और बेहद लोकप्र‍ि‍य शेर।

मुहब्‍बत का शेर
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है

जिंदगी का शेर
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है

इंतजार का शेर
आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरी जुल्‍फ के सर होने तक।

ख्‍वाहिश का शेर
हजारों ख्‍वाहिशें ऐसी कि हर ख्‍वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फि‍र भी कम निकले।

मुहब्‍बत का शेर
मुहब्‍बत में नहीं है फर्क और जीने और मरने का
उसी को देखकर जीते हैं, जिस काफि‍र पे दम निकले।

दुनिया के सर्कस का शेर
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे

फक्‍कड मिजाजी का शेर
क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँ
रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन

उम्‍मीद का शेर
मेहरबान होके बुला लो मुझे चाहो जिस वक्त
में गया वक्त नहीं हूँ की फिर आ भी न सकूँ