बाल गीत : हम भी चलते रहें निरंतर
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,मई 13,2024
आज गए थे पिकनिक में हम,
नदी व्यारमा तीरे।
नदी किनारे घूम रहे थे,
हम सब धीरे-धीरे।
नीले रंग की नदी फुदकती,
पत्थर ...
आत्मकथा : मेरी अपनी कथा-कहानी
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,मई 7,2024
Prabhudayal Shrivastava autobiography : विद्युत् मंडल में एक्सिक्यूटिव इंजिनियर के पद से सेवानिवृत होने 21 साल बाद आज ...
बाल गीत : कूक बड़ी प्यारी, कोयल की
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,फ़रवरी 14,2024
poem for childrens : बांध लिया बिस्तर जाड़े ने, हुआ रफू-चक्कर। सूरज के हाथों में देखा, जब हल्का हंटर। गरमी थोड़ी बढ़ी, ...
बाल गीत: क्यों न शामिल कर लें
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,जनवरी 29,2024
ठंड में चिरैया उड़कर आई, घुस गई घरों दुकानों में। मफलर ओढ़ो स्वेटर पहनो, बोली सबके कानों में। मुझसे बोली दादाजी को, गरम ...
बाल गीत : गुड़िया के क्या कहने
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | बुधवार,जनवरी 10,2024
कमर में करधन नाक में बाली, हाथ में कंगन पहने हैं। अहा! अहा! री गुड़िया रानी, तेरे अब क्या कहने हैं। तीन साल की उमर ...
बाल गीत 'फल्ली मुनगा की'
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,दिसंबर 22,2023
Poem Munga Phalli : झूल रही ऊंचे तरुवर पर, फल्ली मुनगा की। इसे कहीं कहते हैं सहजन,
और कहीं सोजन। गांवों में तो होता है ...
दशहरा पर्व पर कविता: हम रावण नहीं बनाएंगे
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,अक्टूबर 23,2023
Poem We will not create Ravana: इस साल दशहरे पर भैया,
हम रावण नहीं बनाएंगे। हर साल बनाया है रावण, खुश होकर उसे जलाया ...
हिन्दी कविता : राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | सोमवार,अगस्त 14,2023
जहां सतपुड़ा के जंगल में मौसम इतराता।
डाल-डाल संगीत बजाती, हर पत्ता गाता।
आम, नीम, पीपल, बरगद में ईश्वर की ...
चटपटी बाल कविता : पूंछ मूंछ से बोली
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | शुक्रवार,जुलाई 28,2023
बहुत दिनों के बाद ठसक कर,
पूंछ मूंछ से बोली।
शर्म नहीं आती करते हो,
मुझसे रोज ठिठोली।
मुंह को पीछे मोड़-मोड़कर...
फनी बाल गीत : चूहों के अच्छे दिन
प्रभुदयाल श्रीवास्तव | मंगलवार,जुलाई 25,2023
मजेदार बाल कविता : चूहों के अच्छे दिन आ गए।
उन्हें बिल्ली के बच्चे खा गए।
अब न उन्हें किताब कुतरना है।
न रोटी ...