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Last Updated : मंगलवार, 30 अप्रैल 2024 (18:48 IST)

Vastu Tips For Stairs : सीढ़ियों की दिशा, घुमाव, संख्या, ऊंचाई-चौड़ाई से तय होगा आपका भविष्य

वास्तु के अनुसार बनाएं सीढ़ियां, जीवन में होगी खूब उन्नति

Vastu Tips For Stairs : सीढ़ियों की दिशा, घुमाव, संख्या, ऊंचाई-चौड़ाई से तय होगा आपका भविष्य - Vastu Tips For Stairs
Vastu Tips For Stairs
Vastu Tips For Stairs: घर की सीढ़ियां यदि वास्तु के अनुसार नहीं बनी है तो आपकी अवनति का कारण बन सकती है और बनी है तो उन्नति को प्रदान करेगी। यदि वास्तु के अनुसार सीढ़ियां नहीं बनी है तो कई तरह की परेशानियां खड़ी होती है। इसकी दिशा, घुमाव, संख्या और चौड़ाई-ऊंचाई का ध्यान रखना जरूरी है। 
1. सीढ़ियों की दिशा : दक्षिण, पश्चिम या नैऋत्य कोण को सीढ़ियों की दिशा माना जाता है। बेसमेंट के लिए सीढ़ियां होनी चाहिए पूर्व, उत्तर या ईशान कोण में। भूतल की छत पर या पहली मंजिल पर जाने के लिए सीढि़यां उत्तर-पूर्व या ईशान कोण में नहीं बनाएं। उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य की हानि, नौकरी एवं व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में सीढ़ी का होना अवनति का प्रतीक माना गया है। दक्षिण-पूर्व मतलब आग्नेय में सीढ़ियों के होने से बच्चों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है।
2. सीढ़ियों की संख्या कितनी होना चाहिए : सीढ़ियां हमेशा विषम संख्या में हों। जैसे- 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, 17, 23, 29 आदि संख्‍या में हो। आम तौर पर घर में 17 सीढ़ियां शुभ मानी जाती हैं।
 
3. सीढ़ियों का घुमाव : यदि घुमावदार सीढ़ियां हों, तो फिर इसका घुमाव बाएं से दाएं हाथ की ओर होना चाहिए। खासकर दक्षिणावर्ती घुमाव उचित है।
 
4. सीढ़ी की चौड़ाई-ऊंचाई : सीढ़ी की चौड़ाई 10 इंच और ऊंचाई 8 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए। बड़ी इमारतों, सार्वजनिक स्थानों और व्यापारिक परिसरों में यह नियम लागू नहीं होता।
5. ब्रह्म स्थान में नहीं बनाएं सीढ़ियां : सीढ़ियां कभी भी घर, मकान या दुकान के बीचों-बीच या ब्रह्मा स्थान में नहीं होनी चाहिए। अंदर की बजाय घर के बाहर बनी सीढ़ियां अधिक सुविधाजनक होती हैं।
 
6. प्रवेश द्वारा और सीढ़ी : घर के मुख्य द्वार के एकदम सामने सीढ़ियां नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजे खुलते ही सीढ़ियां नहीं होना चाहिए।