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Last Modified: शुक्रवार, 3 मई 2024 (20:56 IST)

क्या गांधी परिवार ने अमेठी छोड़कर सही किया? भाजपा हुई हमलावर

क्या गांधी परिवार ने अमेठी छोड़कर सही किया? भाजपा हुई हमलावर - Did Gandhi family do right thing by leaving Amethi seat? BJP became attacker
Amethi Lok Sabha seat: अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट यानी यूपी की वीवीआईपी सीट पर में पांचवें चरण यानी 20 मई को मतदान होना है। इन दोनो हॉट सीटों को को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी। सभी अटकलों पर विराम लगाते शुक्रवार को कांग्रेस ने राहुल गांधी रायबरेली से उम्मीदवार घोषित किया तो वही अमेठी से गैर गांधी परिवार उम्मीदवार केएल शर्मा को बनाकर सबको चौंका दिया। हालांकि लोग गांधी परिवार के अमेठी छोड़ने को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं। 
 
डर गए हैं राहुल : गांधी परिवार का अमेठी से बड़ा नाता रहा है, लेकिन गांधी परिवार ने इस सीट पर बाहरी व्यक्ति को चुना तो भाजपा हमलावर हो गई। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की एक जनसभा में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से इतना डर गए कि उन्होंने इस सीट को छोड़कर रायबरेली को चुन लिया है। यह वो लोग है जो जगह-जगह घूम घूमकर कहते थे डरो मत। मैं इनको अब यही कहूंगा-अरे डरो मत, भागो मत।
 
वहीं, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि अमेठी से राहुल गांधी ने नामांकन नहीं किया। यदि उन्हें लगता कि वह जीत सकते हैं तो खुद चुनाव लड़ते। स्मृति और भाजपा से अमेठी में गांधी परिवार ने पहले ही अपनी हार मान ली है, इसलिए उन्होंने खुद यहां से नामांकन नही किया, बल्कि केएल शर्मा को मैदान में उतारा है।
 
जो मोदी ने कहा, वही हुआ : स्मृति इरानी ने कहा कि अमेठी मेहमानों का स्वागत करना जानती है, इसलिए अमेठी कांग्रेस के मेहमान के स्वागत में कोई कमी नही रखेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तो पहले ही कह चुके हैं कि राहुल और गांधी परिवार वायनाड में चुनाव हो जाने के बाद किसी नई सीट को चुनेंगे और वही हुआ। स्मृति ने कहा कि अपने कार्यकाल में अमेठी में विकास कराया है, योजनाओं का लाभ भी अमेठीवासियों को मिला है। 
 
गौरतलब है कि अमेठी सीट गांधी परिवार की कर्मभूमि रही है। अमेठी की जनता का स्नेह गांधी परिवार पर खूब बरसा, एक समय में कांग्रेस को यहां से कोई पराजित नही कर सकता था। इसी वजह से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और फिर राहुल गांधी पर जनता ने वोटों की भरपूर बर्षा की 2014 में राहुल गांधी अमेठी से स्मृति ईरानी को हार का स्वाद चखाते हुए 2019 तक यहां काबिज रहे।
 
अब भाजपा के निशाने पर कांग्रेस : बीजेपी की दबंग नेत्री स्मृति ईरानी हारकर भी अमेठी में डटी रहीं और जनता में पैठ बनाई, जिसके चलते समय ने करवट ली और 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी से हार गए और स्मृति जीतकर केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गईं। स्मृति को उम्मीद थी कि इस बार फिर से राहुल गांधी उनसे मुकाबला करने के लिए अमेठी में ताल ठोकेंगे, लेकिन कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली सीट से गांधी परिवार ने इस बार मुंह मोड़ लिया है, जिसके चलते भाजपा गांधी परिवार पर अब शब्दों के बाण चला रही है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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