युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद सुर्खियां बटोर रहे हैं लेकिन 17 साल के इस खिलाड़ी के सपने को हकीकत में बदलने के लिए उनके माता-पिता को कई त्याग करने पड़े।गुकेश शतरंज खेलना जारी रख सकें इसलिए उनके पिता को अपने करियर को रोकना पड़ा और खर्चों को पूरा करने के लिए ‘क्राउड फंडिंग’ का भी सहारा लेना पड़ा।